जन विरोधी "घर-घर कचरा संग्रहण टैक्स" लागू करने का विरोध

जन विरोधी "घर-घर कचरा संग्रहण टैक्स" लागू करने का विरोध

जन विरोधी "घर-घर कचरा संग्रहण टैक्स" लागू करने का विरोध


सभापति उपसभापति सहित कांग्रेस पार्षद उतरे विरोध में 


कुचामन सिटी(सोनू पारीक)


कुचामन कस्वे में अब सफाई सुविधा शुल्क टैक्स शुरू होने को लेकर आमजन में अत्यन्त आक्रोश
व्याप्त है। अबतक कुचामन कस्बे में सफाई कार्य स्थायी सफाईकर्मियों एवं करोड़ों रूपये के निविदाकारी एक
निजि फर्म दोनों मिलकर कर रहे है। इसके उपरान्त "घर-घर कचरा संग्रहण योजना के नाम पर 7 करोड़
रूपये का एक और सफाई देका किसी निजि फर्म को दिया गया है। नये ठेके में प्रत्येक अमीर-गरीब के
मकानों, हॉँस्टलों, हर प्रकार की दुकानों, क्लिनिकों, अस्पतालों, कॉम्प्लेक्सों, कोचिंगों, डिफेंसों, विवाह
स्थलों, स्कूलों, कॉलेजों, हाथ देलों, थड़ियों इत्यादि पर देकेदार अपनी दर पर '"सफाई सुविधा शुल्क
टैक्स" वसूल कर आमजन के जेब काटने की तैयारी में है।
कुचामन नगर परिषद के उप सभापति एवं निर्वाचित  अध्यक्ष सफाई-रोशनी, पशू नियंत्रक समिति
हेमराज चावला ने बताया कि पहले से ही नगर परिषद स्तर पर एवं 3.5 करोड़ की निविदा से एक निजि फम्म
द्वारा सफाई कार्य किये जाने के उपरान्त सफाई कार्य का 7 करोड़ रूपये का एक और देका निजि फर्म वी बॉँइस
कम्पनी को दिया जाकर क्षैत्रीय आमजन पर आर्थिक बोझ डालना करई गैरजरूरी है।
उल्लेखनीय है कि नगर परिषद बोर्ड व जनंप्रतिनिधियों के ध्यान में लाये बिना ही अधिकारियों बडे
जिम्मेदारों की आपसी जुगलबन्दी से अपने अदृश्य हितों के वशीभूत विधित प्रव्रिया की अवहेलना कर गत
लोकसभा चुनाव की आचार संहिता व संरकारी छुट्टयों की आड़ में एक वर्ष की बजाय 3 वर्ष का सफाई कार्य
का एक नया ठेका अपनी मनचाही उक्त फर्म को दिया गया है, जो संदेहास्पद है।
घर-घर कचरा संग्रहण योजना के पक्ष में अधिकारिक वक्तव्यों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए
उपसभापति हेमराज चावला ने बताया कि जब पहले से ही क्ैत्रीय आमजन गृह कर सहित कोई ना कोई टैक्स
सरकार को अदा करते आ रहे है, तो ऐसे में सफाई सुविधा शुल्্ टैक्स के रूप में नया टैक्स अमान्य है।
यदि यह योजना जनहितकारी होती तो, प्रदेश की 257 शहरी निकायों में से मात्र 7-8 में ही क्यों संचालित
की जा रही है।
चावला ने आमजन के हिताथ जनविरोधी घर-घर कचरा संग्रहण योजना को लागू किये जाने के संदर्भ
मैं मण्डल बैठक में कोई सर्वसम्मत निर्णय होने तक इसे अस्थायी तौर पर निलम्बित रखे जाने की अपनी मांग
दोहराई।